सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ 12 जनवरी को आशा वर्कर पुनः आंदोलन की राह पर

NaradSandesh।।फरीदाबाद10 जनवरी। सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ आशा वर्कर पुनः आंदोलन की राह पर आ गई है। आशा वर्कर 12 जनवरी को बीके अस्पताल में सिविल सर्जन कार्यालय पर प्रदर्शन करेगी और सरकार के साथ हुए समझौते को लागू करने की मांग करेंगे। बुधवार को आशा वर्कर यूनियन हरियाणा की जिला प्रधान हेमलता,उप प्रधान पुजा गुप्ता व सीटू के जिला प्रधान निरंतर पाराशर ने बुधवार को 12 जनवरी को होने वाले प्रदर्शन का नोटिस सीएमओ को सौंपा। प्रदर्शन का फैसला यूनियन की जिला कमेटी की ऑन लाइन हुई एक महत्वपूर्ण मीटिंग में लिया गया। मीटिंग में सर्वसम्मति से यह फैसला भी किया गया कि अगर विभाग ने 12 जनवरी तक मानी गई मांगों को लागू नहीं किया तो 15 जनवरी से ज़िला मुख्यालय पर लगातार धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।

ऑन लाइन मीटिंग के बाद जारी प्रेस बयान में यूनियन की राज्य व सचिव सुधा ने बताया कि आशा वर्कर यूनियन के आह्वान पर 73 दिन चली हड़ताल के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ 16 अक्तूबर,2023 को सम्पन्न बैठक में आशा वर्कर की कुछ मांगों को मानकर उनके पत्र जारी किए थे। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उनको लागू करने में लगातार आनाकानी करते रहे हैं। विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रदेश व ज़िले की आशाओं को पिछले सात महीने से कोई मानदेय नहीं दिया गया है। मानदेय का भुगतान ना होने से आशा वर्करों के परिवार भारी आर्थिक संकट झेल रहे हैं , ऊपर से बेतहाशा बढ़ रही महंगाई ने बुरा हाल किया हुआ है। सरकार ने 73 दिन की हड़ताल का मानदेय देने का पत्र जारी कर दिया था। लेकिन अब अधिकारियों ने उस पत्र के ऊपर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि पिछले 6 महीने से आशा पे एप भी बन्द है। जिसके कारण आशाओं के मानदेय का भुगतान नहीं हो पाया है। प्रदेश व जिले की आशाओं की परेशानियों को देखते हुए यूनियन ने सरकार व स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ दोबारा आंदोलन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि यूनियन ने 12 जनवरी को सिविल सर्जन कार्यालय फरीदाबाद पर एक दिन के धरना प्रदर्शन का फैसला किया है।अगर सरकार तथा विभाग ने यूनियन के साथ हुए समझौते को लागू नहीं किया तो 15 जनवरी से सिविल सर्जन कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।


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