वह रविंद्र फागना क्रिकेट अकादमी में अभ्यास करते हैं। तीन वर्षों से अंडर-23 और 25 में प्रदेश की टीम का हिस्सा हैं। इसके अलावा अंडर-16 में भी हरियाणा की ओर से खेल चुके हैं। इनके परिवार में खुशी की लहर है। पूर्व रणजी खिलाड़ी एवं बीसीसीआइ व आइसीसी लेवल-1 के कोच धर्मेंद्र फागना ने बीसीसीआइ के पूर्व कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी जी का धन्यवाद किया है।
संघर्ष के बाद मिली है सफलता
अंकित को हरियाणा रणजी ट्राफी टीम तक पहुंचाने में काफी संघर्ष करना पड़ा है। अंकित ने बताया कि वर्ष 2013 पूर्व सब कुछ ठीक था और बल्लेबाजी के अलावा विकेट कीपिंग करते थे। एक दिन अभ्यास के दौरान के स्लिप डिस्क हो गई। दिल्ली एनसीआर के अच्छे चिकित्सकों से उपचार कराया, लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। सभी ने क्रिकेट छोड़ने की सलाह दी। उपचार के कारण तीन वर्षों तक क्रिकेट से दूर रहे थे, लेकिन मजबूत हौंसले वाले अंकित ने मैदान पर वापस लौटने की उम्मीद नहीं छोड़ी। अंत में भारतीय क्रिकेट टीम में पूर्व फिजियोथेरेपिस्ट डा.चंदन चावला से उपचार कराया। उनके उपचार से अंकित को आराम मिलने लगा है और कुछ समय बाद ही मैदान पर लौट आए। उसके बाद कभी पलटकर नहीं देखा। अब अंकित हरियाणा अंडर-23 व 25 टीम की रीढ़ कहे जाते हैं। अंकित अब स्लिप डिस्क की वजह से विकेट कीपिंग नहीं कर पाते हैं।